जय सरस्वती माता, हिंदू समाज की अथक प्रयास धर्म की ओर अग्रसर माता की कृपा से मिलती है सभी क्षेत्रों में समुचित उचित व्यवस्था की प्रेरणा जितनी धन आवश्यक है उतना ही शिक्षा भी आवश्यक है और जितना शिक्षा आवश्यक है उतना ही स्वास्थ्य भी आवश्यक है सभी में संतुलन बनाकर इस संसार रूपी माया जाल में अपनी कायाकल्प को कार्य रूप के देखकर क्रियान्वित करना चाहिए जिससे सांसारिक मोह से ऊपर उठकर मानव अपनी मानवता की पहचान कर अपने कर्तव्य को धर्म मानकर संपूर्ण तरीके से उसे उपयोग में ला सके जय मां सरस्वती जय हिंदुस्तान